Loan Default News: अगर आपने बैंक से लोन लिया है और समय पर किस्त नहीं चुका रहे हैं तो सावधान हो जाइए। आरबीआई (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने लोन डिफॉल्ट से जुड़ी गाइडलाइंस को और सख्त कर दिया है। अब बैंकों को कानूनी कार्रवाई के अधिकार मिल गए हैं ताकि डिफॉल्टर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें। इसका उद्देश्य वित्तीय अनुशासन बनाए रखना और बैंकों के NPA को कम करना है।
लोन डिफॉल्ट क्या होता है?
लोन डिफॉल्ट तब माना जाता है जब कोई व्यक्ति बैंक या वित्तीय संस्था से लिया गया ऋण समय पर चुकाने में असफल रहता है। आमतौर पर यदि तीन महीने तक लगातार EMI नहीं चुकाई जाती है तो अकाउंट को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर दिया जाता है। ऐसे मामलों में बैंक पहले नोटिस भेजता है, फिर वसूली की प्रक्रिया शुरू होती है।
RBI की नई गाइडलाइंस
RBI ने निर्देश दिया है कि लोन डिफॉल्ट के मामलों में बैंक या NBFC पहले ग्राहक को नोटिस देकर समाधान का प्रयास करें। यदि भुगतान नहीं होता है तो फिर बैंक SARFAESI Act के तहत कार्रवाई कर सकता है। इसका मतलब है कि बैंक संपत्ति की जब्ती या नीलामी जैसे कदम उठा सकता है। साथ ही, अब डिजिटल रिकवरी एजेंट्स को भी रेगुलेट किया गया है ताकि ग्राहक के अधिकारों का हनन न हो।
कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया
लोन डिफॉल्ट के बाद सबसे पहले बैंक लिखित नोटिस जारी करता है। अगर 60 दिन के भीतर जवाब या भुगतान नहीं होता है तो SARFAESI एक्ट के तहत बैंक आपकी संपत्ति को जब्त कर सकता है। इसके बाद नीलामी प्रक्रिया के जरिए रिकवरी की जाती है। कुछ मामलों में बैंक कोर्ट के माध्यम से भी डिक्री लेकर सिविल या क्रिमिनल केस फाइल कर सकता है।
क्रेडिट स्कोर पर असर
अगर आपने लोन चुकाने में देरी की या डिफॉल्ट किया तो इसका सीधा असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है। खराब स्कोर का मतलब है कि भविष्य में आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत होगी। साथ ही, ब्याज दरें भी अधिक हो सकती हैं। इसलिए समय पर EMI भुगतान करना आपकी वित्तीय छवि के लिए बेहद जरूरी है।
समाधान क्या है?
अगर आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो सबसे पहले बैंक से संपर्क करें और अपनी स्थिति बताएं। कई बार बैंक री-स्केड्यूलिंग या मोराटोरियम जैसी सुविधा देता है। आपसे सख्ती से वसूली की बजाय आपसी सहमति से समाधान निकाला जा सकता है। कई बैंक ओटीएस (One-Time Settlement) स्कीम भी देते हैं जिससे आप कम रकम में लोन निपटा सकते हैं।
डिफॉल्टर्स के लिए चेतावनी
RBI ने स्पष्ट किया है कि जानबूझकर लोन न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें पासपोर्ट रद्द करना, ट्रैवल बैन और कानूनी नोटिस जैसी कार्रवाइयां शामिल हो सकती हैं। खासकर हाई-वैल्यू लोन डिफॉल्टर्स के लिए विशेष निगरानी तंत्र भी स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य वित्तीय व्यवस्था में अनुशासन और पारदर्शिता लाना है।
डिस्क्लेमर
यह लेख आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और बैंकिंग प्रक्रिया पर आधारित है। लोन डिफॉल्ट से संबंधित नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। कृपया सटीक जानकारी और सलाह के लिए अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।